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What’s the context of 26 Verses of Qur’an which call for Qital/fighting?

Ghulam Rasool Dehlvi in conversation with Hazrat Syed Alamgir Ashraf

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  1. ग़ुलाम रसूल देहलवी साहब ने क़ुरआन में ‘जिहाद’ शब्द का वास्तविक अर्थ और उसका सही संधर्ब समझाया है. जिहाद का मतलब किसी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना, ग़ैर मुस्लिमों और बेगुनाहों को मारना या आतंकवाद फैलाना, या अन्य धर्मों के खिलाफ लड़ना नहीं है जैसा कि आतंकवादी और चरमपंथी दावा करते है. ब्लकि शब्द “जिहाद” का अर्थ है “संघर्ष करना।” सभी मुख्य धर्म ने यह आदेश दिया है कि अच्छे कार्य के लिए संघर्ष करो.
    यह भगवत गीता में भी लिखा है. “Therefore strive for Yoga, O Arjuna, which is the art of all work.” (Bhagavad Gita 2:50)
    लड़ाई-मारपीट (युद्ध) का ज़िक्र भगवत गीता में भी लिखा है.
    जिस प्रकार गीता में बुराई के खिलाफ लड़ने का आदेश है उसी प्रकार क़ुरआन में भी लिखा गया है की आप बुराई के खिलाफ लड़ो. मगर कुछ लोग कुरान की आयतों को आउट ऑफ कॉन्टैक्स्ट करके व्याख्यान्वित करते है. आलोचक स्वयं अपनी ही धार्मिक पुस्तकों जैसे भगवद गीता, महाभारत और वेदों को पढ़ते ही नहीं, या पढ़ते भी हैं तो ढंग से उस पर चिंतन नहीं करते.

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