MSO organised “Peace Conference” in Gonda (UP) इस्लाम मे चरित्र निर्माण और कुशल व्यवहार पर अधिक ज़ोर
4 दिसंबर वज़ीर गंज गोंडा। मुस्लिम स्टूडेन्टस आरगेनाइज ऑफ इंडिया,(एम.एस.ओ.) के तत्वाधान मे “पैगाम ए अमन” कॉन्फ्रेंस वज़ीर गंज स्थित जामिया इमाम ए आज़म हबीब नगर में आयोजित की गई, जिसमें ज़िले के छात्रों व नौजवानो ने हिस्सा लिया। प्रोग्राम की शुरुआत मौलाना हामिद रजा के क़ुराक पाक की तिलावत से हुई।एम.एस.ओ. की प्रदेश व्यापी छात्रो व नौजवानो को जागरूक करने की मुहिम के तहत लखनऊ, कानपुर, बरेली के बाद गोंडा की जमीन पर यह चौथी मीटिंग हैं। इसकें बाद बहराइच, फ़ैज़ाबाद, बलरामपुर तथा लखीमपुर में इस तरह की मीटिंग और कैम्पस आयोजित कियें जाएगें।
कार्यक्रम संयोजक एमएसओ के प्रादेशिक सह–संयोजक अबू अशरफ ने कि एम.एस.ओ. देश भर के सभी स्कूल कॉलेज व यूनिर्वसिटीज में छात्रों के साथ मिलकर उनके बीच नैतिकता की मुहिम चला रही है ताकि छात्रो के बीच पनप रहीं बुराईया खत्म की जा सके एवं छात्र शक्ति का सदुपयोग समाज एवं देश हित में किया जा सके। अशरफ ने बताया कि एम.एस.ओ. मोरल रिव्लूशन कैम्पन देश भर में चला रही हैं इसके साथ ही एम.एस.ओ. तालीमी बेदारी मुहिम के तहत मुल्क भर में “एजुकेशनल अवेयरनेस कैम्पन” चला रही है। अशरफ ने अपने उद्बोधन में नौजवानों से सूफी संतो की सूफीवाद की बहुप्रशंसित व प्रचलित विचारधारा को आम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा मुस्लिम नौजवानों को शिक्षा के मैदान में आगे आना होगा, तभी मुस्लिम समाज की दयनीय स्तिथि से निपटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि एम.एस.ओ. के द्वारा दहशतगर्दी के खिलाफ चलाये जा रहे मुहिम को और अधिक तेज करने की ज़रूरत है.
मुख्य वक्ता मदरसा इमाम ए आज़म के मैनेजर मौलाना हामिद रज़ा ने इस्लाम को जीवन जीने का बेहतरीन मार्ग बताते हुए मुसलमानों से अपील की कि वह सूफ़ीवाद को जीवन में उतारें। उन्होंने कहाकि मुसलमान को व्यवहार पर बहुत ध्यान देने की ज़रूरत है। जब तक हम अपने व्यवहार में भ्रष्ट रहेंगे और धर्म की रीति रिवाज़ निभाते रहेंगे तो यह कर्मकांड बनकर रह जाएगा। इस्लाम में न्याय की कसौटी व्यवहार यानी चरित्र है। यदि चरित्र नहीं तो मुसलमान स्वयं को इस्लाम में पूर्ण समर्पित होने का दावा नहीं कर सकता। उन्होंने विशेषकर युवाओं से अपील करते हुए कहाकि उन्हें अपने कार्यकलाप, लेन देन और व्यवहार में इस्लाम को जीवन में उतारना चाहिए।
सम्मेलन के *दूसरे वक्ता और जामिया इमाम आज़म के नजिमे आला मौलाना जाहिद अली ने कहा कि मुसलमान सबसे अच्छा इंसान बन कर दिखाए क्योंकि इल्म और अच्छाई से आप अब्दुल कलाम जैसी शख्सियत बन सकते हैं. उन्होंने याद दिलाया की पैगम्बर मुहम्मद साहब ने हमसे कहा है की शिक्षा के लिए चीन तक जाना पड़े तो जाना चाहिए. युवाओं को समय नष्ट नहीं करना चाहिए और तकनीक का फायदा उठा कर मुख्यधारा में आना चाहिए. उन्होने कहा कि नवीन विज्ञान और आधुनिक शिक्षा के लिए यदि हमें एक वक़्त का खाना मिले और दूसरे वक़्त का खर्च बच्चे की पढाई पर करना पड़े तो हमें ऐसा ही करना चाहिए.
प्रोग्राम में अब्दुल वकील ने नात पेश किया.संचालन ने अबू अशरफ ने किया। इस मौके पर करि महताब आलम,मौलाना गुलाम मोहम्मद,मौलाना अब्दुल कलाम,कारी हैदर अली,मौलाना सय्यद मसूदुल हक़,मौलाना शाकीरुलल्लाह,वलीउल्लाह,मोहम्मद शाबान रज़ा नूरी,ज़ाहिद अली नूरी,अब्दुल रशीद रज़वी,हामिद रजा,कारी शम्सुद्दीन,मौलाना नईमुद्दीन समेत काफी लोग मौजूद थे.